एनसीबी अधिकारी का दावा- रिया के खिलाफ ठोस सबूत और केस मजबूत, उन्हें 20 साल की जेल हो सकती है
सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस से जुड़े ड्रग्स मामले में रिया चक्रवर्ती को 20 साल तक की सजा हो सकती है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के एक अधिकारी ने दैनिक भास्कर को ऑफ द रिकॉर्ड दिए इंटरव्यू में यह बताया। अधिकारी के मुताबिक, उनके पास रिया के खिलाफ ठोस सबूत हैं और केस काफी स्ट्रॉन्ग बन चुका है। यही वजह है कि लोअर और सेशन कोर्ट से रिया को जमानत नहीं मिल सकी। उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश :-
Q. रिया और शोविक ने बॉलीवुड के किन नामों का खुलासा किया है?
A. अभी उन नामों को रिवील नहीं कर सकते। क्योंकि जांच जारी है। पहले इसे किसी निष्कर्ष पर पहुंच जाने दीजिए। अभी उनका नाम उजागर करना उनकी अवमानना होगी।
Q. ड्रग्स की कितनी क्वांटिटी रिया ने कैरी की थी?
A. यह सिर्फ 59 ग्राम ड्रग्स की बात नहीं है, जिसके बारे में रिया ने बताया है। हमारी टीम ने अनुज केसवानी से कमर्शियल क्वांटिटी में ड्रग्स बरामद की है। हम इस लीड पर आगे बढ़ रहे हैं। हमारा केस मजबूत है। यही वजह है कि माननीय लोअर और सेशन कोर्ट से उनकी जमानत याचिका खारिज हुई है।
Q. पूरे मामले में रिया का डायरेक्ट इन्वॉल्वमेंट तो कहा ही जा सकता है?
A. इन्वॉल्वमेंट साजिश को लेकर है। चार्जेज उसी तौर पर लगे हैं। उससे रिलेटेड ऑर्डर भी सार्वजनिक हैं।
Q. लेकिन रिया बार-बार दावे कर रही हैं कि वो ड्रग्स नहीं लेती थीं। वे तो इसे सुशांत के कहने पर मंगवा रही थीं?
A. मैटर विचाराधीन है। इसलिए इस मसले पर कुछ भी कहना अभी सही नहीं होगा।
Q. सुशांत तो अब रहे नहीं, तो कैसे साबित करेंगे कि उन्होंने ड्रग्स कंज्यूम किया था?
A. यह साबित हो जाएगा। उसकी चिंता मत करें। वही तो हमारा जॉब है। तभी तो जांच प्रक्रिया पर हम कुछ भी नहीं कहना चाहते।
Q. क्या ड्रग्स मामले में कंगना का भी टेस्ट होगा?
A. वो हमें नहीं मालूम। हमारा फोकस इस केस (सीआर नं. 15) पर है। कंगना के बारे में हम कुछ नहीं कह सकते, क्योंकि उनका मामला हमारे केस से कनेक्टेड ही नहीं है।
Q. बीते सालों में आपके जो ऑपरेशन्स रहे हैं, उनमें बॉलीवुड से कौन से ए-लिस्टर्स के नाम आए थे? बड़ी मछलियों की धड़पकड़ हो पाएगी?
A. यह गलत हो रहा है कि सिर्फ एक सोसायटी का नाम लिया जा रहा है। हमारा मैंडेट इस सोशल प्रॉब्लम को ठीक करना है। महज एक सोसायटी के पीछे पड़ना नहीं। मुंबई में यह बुरी तरह फैला हुआ है। यह एक केस है, जिसे एनडीपीएस एक्ट के तहत सजा के दायरे में लाना है। हम सिर्फ कुछ लोगों को पकड़ने के पीछे नहीं लगे हैं। हम हर किसी को टार्गेट कर रहे हैं।
Q. क्या यह स्टेब्लिश हो चुका है कि रिया और शोविक ड्रग पैडलर्स के सतत संपर्क में थे?
A. इस वक्त क्या बोलूं। मैटर कोर्ट में है। सारे सबूत हमें कोर्ट में देने हैं। इसलिए जांच से जुड़ी कोई बात रिवील करना सही नहीं है।
Q. कोर्ट में सबूत कब प्रोड्यूस करेंगे?
A. अभी तो उनकी बेल रिजेक्ट हुई है। फिलहाल ट्रायल चलेगा। चार्जशीट फाइल करने के लिए एनसीबी के पास 180 दिनों का वक्त है। चूंकि कमर्शियल क्वांटिटी का मामला है। लिहाजा हम अपनी इनवेस्टीगेशन पूरी करेंगे। तब सबूत पेश करेंगे।
Q. लेमैन लैंग्वेज में कमर्शियल यूज को कैसे समझाएं?
A. एक होती है स्मॉल क्वांटिटी, दूसरी मिडिल और तीसरी कमर्शियल क्वांटिटी। कमर्शियल क्वांटिटी अगर साबित हो गई तो 20 साल की सजा हो सकती है। मिडिल क्वांटिटी है तो 10 और स्मॉल का मामला है तो 1 साल की सजा।
Q. रिया के मामले में बड़ी क्वांटिटी है?
A. जी हां। इसी केस में हमारे द्वारा गिरफ्तार किए गए उनके सप्लायर से हमें बड़ी क्वांटिटी मिली है।
Q. यह सप्लाई सुशांत की मौत तक होती रही है?
A. जिस पैडलर को हमने पकड़ा है, वह तो मेजर सप्लायर है ही। हम यह लिंक नहीं कर रहे है कि सप्लाई कब तक होती रही? हमने तो एक गैंग को बर्स्ट किया है।
Q. लेकिन रिया तो कुछ भी एक्सेप्ट नहीं कर रही हैं?
A. इस बारे में मैं कुछ नहीं बोल सकता। ऐसा करना कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट है।
Q. हालांकि शोविक ने तो बहुत जल्दी मान लिया था कि वो ड्रग्स लाया करते थे?
A. सच कहूं तो मीडिया में 90 फीसदी जानकारी गलत आ रही है। नामों को लेकर सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं। हमें हमारा काम करने दीजिए। चार्जशीट के टाइम पर सारे नाम सामने आ जाएंगे। अभी किसी का नाम लेने से जांच प्रभावित होगी।
Q. अगर लोकल पुलिस ने प्राइमरी लेवल पर ही सबूत टैंपर कर दिए हों तो जांच एजेंसियां गुनहगारों को कैसे पकड़ पाएंगी? सबूत टैंपर होने के चलते न तो आरुषि के हत्यारों का पता चल सका, न सुनंदा पुष्कर के?
A. हमें ऐसी कोई दिक्कत नहीं हुई। हमारा केस बहुत स्ट्रॉन्ग बन चुका है। हम साबित कर देंगे।
Q. क्या ड्रग्स की ज्यादा मात्रा लेने से मौत होती है?
A. इस पर मैं कुछ नहीं कह सकता। यह कहना बहुत जेनेरिक होगा। हरएक का इलाज अलग होता है। हर किसी के लक्षण भी अलग होते हैं।
Q. मारिजुआना तो बड़ा क्राइम नहीं है न?
A. हम हर तरह के ड्रग्स को समान भाव से देख रहे हैं। कमर्शियल क्वांटिटी के थ्रेशहोल्ड अलग-अलग होते हैं।
Q. पांच या दस साल पहले भी क्या कभी इस तरह के केसेज में बॉलीवुड से किसी का नाम आया था?
A. वह मैं अभी नहीं बोल सकता। यह जांच का विषय है।
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